चंडीगढ़/ सेक्टर 30 के निरंकारी भवन में आयोजित हुआ निरंकारी महिला संत समागम

चंडीगढ़ : निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से देशभर में महिला संत समागम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में चंडीगढ के सेक्टर 30 स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में शनिवार को महिला संत समागम का आयोजन किया गया। इस समागम में हैदराबाद (तेलंगाना) के जोनल इंचार्ज बहन मोहिनी आहूजा जी ने सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का शुभ संदेश प्रदान किया।

निरंकारी मिशन में महिलाओं के महान योगदान का जिक्र करते हुए बहन मोहिनी जी ने कहा कि मिशन के पूज्य जगत माता बुद्धवंती जी, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी, माता सविंदर हरदेव जी व वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का असाधारण योगदान महिला जगत का ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति का निरंतर मार्गदर्शन कर रहा है।
बहन मोहिनी जी ने कहा कि हर नारी स्वयं भी खुश रहना चाहती हैं और घर-परिवार को भी खुशमय बनाना चाहती हैं तो ’’ निरंकारी सत्संग’’ से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। निरंकारी सतगुरू से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर प्रभु परमात्मा को जानकर जीवन का असली मकसद हासिल करके लाखों इंसानों का जीवन सफल हुआ है और उनके घर परिवारों में रोनकें आ गई हैं।

जिस घर में परिवार के सभी सदस्य मर्यादा में रहते हुए अपनी-अपनी जिम्मेवारियों को निभाते हैं वहां हर समय प्यार ही प्यार होता है व स्वर्ग का नक्शा बना रहता है तथा ऐसे घर-परिवार में शारीरिक, मानसिक व आर्थिक अर्थात हर तरह के सुख बरसते हैं । उन्होंने कहा कि निरंकारी सत्संग से सीख लेकर हजारों नारियों ने अपने घर परिवार की तस्वीर बदल दी है, वे सिर्फ प्रवचन सुनने तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि निरंकारी सतगुरु द्वारा प्रदान ’’ब्रह्मज्ञान’’ को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर, अपने आचरण द्वारा प्रेम तथा शांति का माहौल देकर अपने ही घर को स्वर्ग बना दिया है।

मिशन के विचारधारा के बारे में बहन मोहिनी जी ने कहा कि कोई भी इंसान प्रभु का ज्ञान प्राप्त करके प्रभु की इच्छा के अनुरूप जीवन जापन कर सकता है। संसार की सारी जिम्मेदारियां को निभाते हुए भी वह कमल की भांति अनासक्त भाव से सहज अवस्था में जीवन जी सकता है।

इसी कड़ी में चंडीगढ़ के सैक्टर 45, सैक्टर 40, सैक्टर 15 में मुखी स्तर के महिला समागमों का भी आयोजन किया गया। इन महिला संत समागम के दौरान कई वक्ताओं ने अपने विचार गीत, लघुनाटिका, भक्ति रचनाओं आदि के माध्यम से प्रेम, दया, सहनशीलता, विश्वास, करुणा व एकत्व आदि मूल्यों पर प्रकाश डाला।

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